शुक्रवार, 4 मई 2018

कर्म करो यदि इंसानों से

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कर्म करो यदि इंसानों से!
लद जाओगे सम्मानों से!!

लोभ न रखना मन में किंचित!
घिर जाओगे अपमानों से !!

जो सन्तोष न होगा मन में !
दब जाओगे अरमानों से  !!

पा जाओ जो अर्श कभी तो!
फूल न जाना अभिमानों से!!

पग पग में है द्वेष के काँटे !
बचकर रहना शैतानों से!!

बाँटते रहना खुशियाँ सबको!
नेह मिलेगा भगवानों से!!

सच के पथपर चलते रहना!
तनिक न डरना तूफानों से !!
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मापनी : " 22  22  22 22
काफिया : आनों '
रदीफ़ :  से ,

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