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कर्म करो यदि इंसानों से!
लद जाओगे सम्मानों से!!
लोभ न रखना मन में किंचित!
घिर जाओगे अपमानों से !!
जो सन्तोष न होगा मन में !
दब जाओगे अरमानों से !!
पा जाओ जो अर्श कभी तो!
फूल न जाना अभिमानों से!!
पग पग में है द्वेष के काँटे !
बचकर रहना शैतानों से!!
बाँटते रहना खुशियाँ सबको!
नेह मिलेगा भगवानों से!!
सच के पथपर चलते रहना!
तनिक न डरना तूफानों से !!
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मापनी : " 22 22 22 22
काफिया : आनों '
रदीफ़ : से ,
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