मंगलवार, 1 मई 2018

मैं वही मजदूर हूँ

मैं वही मजदूर हूँ,,,,,,

जमाने को उजाला देकर,अंधेरे में रहने को मजबूर हूँ !
समृद्धि का जनक होकर,स्वयं के विकास से मीलों दूर हूँ !
भूलाया गया सदा अट्टालिकाओं से,जिस नींव का योगदान,
मानवता के के ऐश्वर्य का सर्जक,हाँ मैं वही मजदूर हूँ !!


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