मैं वही मजदूर हूँ,,,,,,
जमाने को उजाला देकर,अंधेरे में रहने को मजबूर हूँ ! समृद्धि का जनक होकर,स्वयं के विकास से मीलों दूर हूँ ! भूलाया गया सदा अट्टालिकाओं से,जिस नींव का योगदान, मानवता के के ऐश्वर्य का सर्जक,हाँ मैं वही मजदूर हूँ !!
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