बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

दुःखों को छलते चलें हम

मुस्कुराहट से अपने दुःखों को छलते चलें हम !
काँटो के बीच भी फूलों सा खिलते चलें हम !
मुश्किलें लाख आए पर खुद पे विश्वास  कायम रहे,
मिटेगा अंधेरा गर दीपक सा जलते चलें हम !!

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