मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

दुःखों को छलते चले हम

मुस्कुराहट से अपनी दुःखों को छलते चलें हम !
काँटो के बीच में भी फूलों सा पलते चलें हम !
मुश्किलें लाख आए बस खुद पे विश्वास छूटने न पाए,
मिटेगा अंधेरा गर दीपक सा जलते चलें हम !!

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