बड़े भाग से पाया यह तन,इसका कुछ उद्धार करो राम नाम की ओढ़ चदरिया,सबपे तुम उपकार करो दो दिन की है ये जिंदगानी,क्योंकर द्वेष किसी से हो बन्द खिड़कियां मन की खोलो,सुधियों का सत्कार करो।।
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