सोमवार, 6 नवंबर 2017

वो दिखती

मेरी खातिर जमाने के,वो कितने मार सहती है
मिला जिससे उसे धोखा,उसी को प्यार कहती है
मुकम्मल है उसे सबकुछ,वो दिखती खुश भी ऊपर से
नयन से किन्तु अब तक,आंसुओं की धार बहती है।

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