कोरे आश्वासन की अब तो,चटनी चाट न पाएँगे बूढ़ेपन की चिंता में यह,पेट काट न पाएँगे खाली हाथ न लौटेंगे बिन संविलियन आदेश लिए लेकर आँखों में हम आँसू,खुशियाँ बाँट न पाएँगे!
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