पोंछ सके जो आँसू मेरे,ऐसा कोई खास नही रूठ गई है खुशियाँ सारी,जीने की अब आस नही किसको अपने घाव दिखाऊँ,किससे अपना दर्द कहूँ कहने को सारी दुनिया है,लेकिन कोई पास नही।
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