किसी को है मयस्सर सब,किसी के भाग्य जाला है जमाने में भला किसने,अजब ये रीत डाला है अमीरी औ गरीबी की,भला क्यों है यहाँ खाई किसी के घर अंधेरा है,किसी के घर उजाला है!
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