शनिवार, 14 अक्तूबर 2017

नदी कोई भी हो जाकर समंदर,,,,,


कली यह प्यार की दिल में,मुकद्दर से ही खिलती है
हमें एक सीख जीवन में,कलंदर से ये मिलती है
जो होता भाग्य में अपने,वो चलकर पास आता है
नदी कोई भी हो जाकर,समंदर से ही मिलती है!

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