शुक्रवार, 8 सितंबर 2017

लोकतन्त्र को

स्तर राजनीति का खिसकाने में लगे है
आग विद्वेष का भड़काने में लगे है
विरोध में मर्यादा भूलकर कुछ नेता
लोकतंत्र को यहाँ रुलाने में लगे है !

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