शनिवार, 5 अगस्त 2017

तलवारों के दम

तलवारों के दम पर हमने कब किसको मजबूर किया !
गले लगाकर रखा सबको किसको खुद से दूर किया !
सदा शांति के रहे पक्षधर हम,लेकिन हम कमजोर नही ,
वक़्त पड़ा तब सिकंदरों के दर्प को हमने चूर किया।

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