शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

गैर तेरे दिल में पलता रहा बैर

गैर तेरे दिल में पलता रहा बैर
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न तिरँगा,न ही कभी वन्देमातरम को भाया उसने
ओढ़ संविधान का चोला गीत कट्टरपंथी गाया उसने
शोहरत मिली उसे हिंदुस्तान में हिमालय से ऊँची
पर अफसोस अपना वीभत्स चेहरा दिखाया उसने!

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