गुरुवार, 27 जुलाई 2017

बिखरता-सँवरता बिहार

बिखरता-संवरता बिहार
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बेमेल थी यह जोड़ी इसे तो टूटना ही था
      "हठबंधन"के इस गाँठ को तो छूटना ही था
भरोसे की ये पतंग तो,पहले ही गई थी कट
     कटी जो पतंग तो बीजेपी को लूटना ही था!

-सुनिल शर्मा"नील"

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