भौतिकता में अंधे सारे,आँखों वाला है कोई कोई पंख कुतरते एक दूजे के,पाँखों वाला है कोई-कोई ठूठ बचें है केवल अब तो वृक्ष नही तुम पाओगे मानवता के इस कानन में शाखों वाला है कोई कोई
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