बुधवार, 17 मई 2017

मैं शिव तो शक्ति

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मैं शिव तो शक्ति तुम हो
मैं साधना तो भक्ति तुम हो
मैं काव्य तो सार तुम हो
मैं वीणा तो तार तुम हो
मैं गीत तो राग तुम हो
मैं जीवन तो अनुराग तुम हो
मैं बसन्त तो बहार तुम हो
मैं सावन तो फुहार तुम हो
मैं सुगंध तो चंदन तुम हो
मैं हृदय तो स्पंदन तुम हो
मैं दीया तो ज्योत तुम हो
मैं नदी तो स्रोत तुम हो
मैं वाणी तो मिठास तुम हो
मैं प्यासा तो प्यास तुम हो.......
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बस अंत में यही कहना है प्रिये तुमसे
ही मैं हूँ, मेरे होने का अर्थ है तू नही तो सब व्यर्थ है,,,,,

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