जब तक गूँज रहे भारत में स्वर करुणा के क्रंदन के । जब समारोह आयोजित आतंकी अभिनंदन के । जब तक सत्यम शिवम सुन्दरम के /पीड़ित हैं अनुयायी । तब तक कलम नहीं लिख सकती गीत पायलिया कंगन के ।
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