मंगलवार, 21 मार्च 2017

जबसे तुमको,,,,

जबसे तुमको मेहरबान पा
लिया है
मानो परिन्दे ने आसमान पा
लिया है
सूखे अरमान हरे होने लगे
है
चमन ने अपना बागबान पा
लिया है

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