बुधवार, 8 फ़रवरी 2017

जिंदगी का साथ

2122 122,2122 122
टूटा चश्मा भी इनसे बनवाया नही जाता
खाना भरपेट दो वक्त का  खिलाया नही
सर दर्द हो गया है,अपने ही घर में रहना
जिंदगी का साथ अब निभाया नही जाता


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