आजाद" ****************************** तूफ़ान में आज़ादी का खेता रहा वो नाव, चुन चुनके अंग्रेजो को भी देता रहा वो घाव। छू न पाई कभी गुलामी उनको जीते जी आज़ाद था मूछों पे ही देता रहा वो ताव। *******************************
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