मुक्तक-इरादा *************************** जमाने की सुनकर घबराना नही जो हुआ उसपे आँसू बहाना नही इरादों से आधी जंग जीती जाती है बिना लड़े कंधे कभी गिराना नही! **************************** सुनिल शर्मा नील थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ. ग.) 7828927284
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