सोमवार, 9 जनवरी 2017

इंसाफ

दोहा-इंसाफ
*****************************
कहाँ यहाँ क़ानून है,कहाँ यहाँ इंसाफ़
खच्चर घोड़ो से भले,कहते है ये साफ़!
*****************************
रचना-09/01/2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें