गुरुवार, 5 जनवरी 2017

मुक्तक-वतन के नाज बन जाओ

मुक्तक-चमन के नाज बन जाओ
★★★★★★★★★★★★★★★★
बिखर जाओ फिजाओं में,चमन को
आज महकाओ
दिलों में है छुपा शोला,उसे तुम आज
भड़काओ
उठो शमशीर बनकर तुम,मिटाने पाप
भारत से
भगत,आजाद सम तुम भी,वतन के नाज
बन जाओ|
★★★★★★★★★★★★★★★★
कवि सुनिल शर्मा "नील"
थानखम्हरिया,(छत्तीसगढ़)
7828927284
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05/01/2017

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