मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

मुहब्बत की नही रेखा


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वफ़ा जिससे किया मैंने दिया धोखा मुझे यारो
मुझे समझा खिलौने सा सदा खेला किया यारो
उसे कातिल भला खुद का कहूँ मैं कैसे बोलो जब
हथेली में मुहब्बत की नही रेखा मेरे यारो|
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सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छ.ग.)
7828927284
Copyright
13/12/2016

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