शनिवार, 10 सितंबर 2016

मुक्तक-गिरिजानंदन

मुक्तक-"गिरिजानंदन"
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सबले बड़े "दाई-ददा" हे जग ला जेन
11212/22122/2221/
सिखाए हे
1222
"बचन"रखे खातिर जेन अपन मुड़ी ल
11212/22122/2221
घलो कटाए हे
1222
झन करव पूजा भर जी गुन ला घलो
11212/22122/2221
सबो ओखर धरव
1222
देखव संगी फेर मयारू "गिरिजानंदन"
11212/22122/2221/
आए हे|
1222
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
10/9/2016
7828927284
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