शनिवार, 23 अप्रैल 2016

प्रेम दिवाने

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प्रेम दिवाने भी क्या-क्या हरकत करते
तन से,मन से,दिल से ये कसरत करते

तन्हाई में अक्सर खुद से बातें करते
उसे पाने को खुदा से इबादत करते

रुठने पे उसकेे दुनिया लगती सूनी
मुस्कान को उसकी शोहरत समझते

लगता नही अच्छा एक उसके सिवा
हर धड़कन में उसी की हसरत करते

कहाँ करते परवाह रस्म-रिवाजों की
इश्कवाले हर बंदिश से नफरत करते

जाने कहाँ से आती है ताकत उनमें
टकराने की जमाने से हिम्मत करते| ********************************* सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छ.ग.)
रचना-02/04/2016
7828927284
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