शनिवार, 23 अप्रैल 2016

वक्त गुजर जाएगा(मुक्तक)

"वक्त गुजर जाएगा"
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विपरीत कितना भी हो"वक्त"
गुजर जाएगा
जख्म गहरा सही एक दिन
भर जाएगा
खेना बंद न करना कभी धैर्य
की पतवार
खूनी समन्दरों से तू महफूज़
निकल जाएगा|
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
22/04/2016
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