सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

जिंदगी नेमत है

जिंदगी नेमत है
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जिंदगी नेमत है खुदा की इसे
कभी न मिटाना
नाकामयाबी मिले भी तो कभी
न जान गँवाना
फिर भी मन हो 'खुदकुशी' का
तो देखना बूढ़ी आँखों में
अपनी नादानी से जीते जी रुलाकर
उन्हें न पत्थर बनाना"
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
29/02/2016
CR

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