मंगलवार, 5 जनवरी 2016

कब तक(मुक्तक)

"""कब तक"""
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कब तक सपूत भारत माँ के यूँ ही
खून बहाएँगे
और हम राग शांति का ले दुश्मन
से हाथ मिलायेंगे
हर जुबान पे एक सवाल जिनका
अपना शहीद हुआ
कब तक खंजर धोखों के यूँ पीठ
पे घोंपे जाएँगे|
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सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
05/01/2015
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