सोमवार, 18 जनवरी 2016

नवा बछर म आस

पावन होय नवा बछर,इही मोर हे आस
आवय घर सबके खुसी,होए दुख के नाश

लूटगे पाछू बछर म ,कतको माँ के लाल
बैरी आतंकवाद ह,बनगीस उखर काल

रोवाइस हे गोंदली',हवय रिसाए 'दार'
ए बछर महंगई ले, हो जातिस उदधार

घुरगीस हवा मे जहर,अउ समाज मे फूट
कलपत रीगे निर्भया,गिस अपराधी छूट

अभिनेता के बोलीे ह,आगी दीस लगाय
गउचारा के खवइया,जीत अबड़ इतराय

हलधर रोत धर माथा,फाँसी मे झुलजात
देख के उखर हाल ला,करेजा ह जरजात

होवय झन कभू अइसन,रख बेटा के बात
नवा बछर के कामना,रखबे भोला हाथ

जुरमिलके सबे राहय,मया बगरए झार
दुख के भुइंया ल फोर ,फूटय सुखके धार|

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
19/01/2016 CR

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