"बचपन फना हो जाता है" 🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣 आलम-ए-गरीबी में वक़्त से पहले बड़ा हो जाता है बचाने बचपन को यहाँ बचपन फना हो जाता है| 🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣 सुनिल शर्मा"नील" थान खम्हरिया,बेमेतरा 7828927284 17/01/2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें