शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

छत्तीसगढ़ के पहिली तिहार हरेली


छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हरय हरेली
धरती दाई के सोला सिंगार हरय हरेली तन,मन ,परियावरन जम्मों रहय हरियर
ये सुग्घर संदेसा के परचार हरय हरेली

गऊ अउ अउजार के सतकार हरय हरेली
हमर संसकीरति अउ संसकार हरय हरेली
रहय निरोगी सब कखरो कान झन तिपय
मनखे के मनखे बर पियार हरय हरेली

बबरा चीला के गुरतुर सुवाद हरय हरेली
चेला बर मंतर के असीरवाद हरय हरेली
सालभर अगोरा खतम होथे आज गेड़ी के
नरियर फेंक,कबड्डी  के उछाह हरे हरेली

कतको किथे जादू-टोना के नाव हरे हरेली
भूत-परेत,जादू के करिया छाव हरे हरेली
छोड़व अइसन ठलहा के अंधबिसवास ल
मनखे म नवा चेतना के नाव हरय हरेली|
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
रचना-14/08/2015

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